मांगता हूँ तो देती नहीं..!!
जवाब मेरी बात का..
देती है तो खडा हो जाता है..!!
रोम रोम जज़्बात का..
कहता हूँ उस से..ऐसे ना अन्दर रखो..!!
यूं जवाब सवाल का..
वो कहती है, पहले तुम दिखाओ..!!
रुख अपनी बात का..
कल शाम को जब कर रहे थे साथ में..!!
काम अपने ऑफिस का..!!
खुल गया अचानक उसके आँखों के सामने..!!
भेद coding logic का..!!
इशारा करके कहती है पकड़ने को मुझको..!!
कप गरम coffee का..!!
और खुद मेरा पकड़ लेती है..!!
ठंडा ग्लास juice का..!!
सोचता हूँ आज बांहों में पकड़ के डाल ही दूं..!!
बालों में फूल गुलाब का..
डालते ही झड़ जाता है..!!
पत्ता पत्ता गुलाब का
जवाब मेरी बात का..
देती है तो खडा हो जाता है..!!
रोम रोम जज़्बात का..
कहता हूँ उस से..ऐसे ना अन्दर रखो..!!
यूं जवाब सवाल का..
वो कहती है, पहले तुम दिखाओ..!!
रुख अपनी बात का..
कल शाम को जब कर रहे थे साथ में..!!
काम अपने ऑफिस का..!!
खुल गया अचानक उसके आँखों के सामने..!!
भेद coding logic का..!!
इशारा करके कहती है पकड़ने को मुझको..!!
कप गरम coffee का..!!
और खुद मेरा पकड़ लेती है..!!
ठंडा ग्लास juice का..!!
सोचता हूँ आज बांहों में पकड़ के डाल ही दूं..!!
बालों में फूल गुलाब का..
डालते ही झड़ जाता है..!!
पत्ता पत्ता गुलाब का
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