Tuesday, May 22, 2012

Dosti-2

1.दोस्ती सयानी है
मैखाने से दोस्ती शराब है
बनिये से दोस्ती हिसाब है
टीचर से दोस्ती किताब है
दुश्मन से दोस्ती खराब है।

डॉक्टर से दोस्ती इंजेक्शन है
मरीज से दोस्ती इंफेक्शन है
नेता से दोस्ती इलेक्शन है
बॉस से दोस्ती सलेक्शन है।

पुलिस से दोस्ती फोर्स है
अफसर से दोस्ती सोर्स है
प्रोफेसर से दोस्ती डिवोर्स है।

राइटर से दोस्ती कहानी है
प्रेमिका से दोस्ती जवानी है
दौलत से दोस्ती दीवानी है
दोस्त से दोस्ती सयानी है।
2.
Kia khabar tum ko dosti kia hai
Ye roshni bhi hai andhera bhi hai
Khwahishon say bhara jazeera bhi hai
Bohat anmol ik heera bhi hai
Dosti ik haseen khwab bhi hai
Pass say dekho tou sarab bhi hai
Dukh milnay pe ye azab bhi hai
Aur ye piyar ka jawaz bhi hai
Dosti yoon tou maya jaal bhi hai
Ik haqeeqat bhi hai khayal bhi hai
Kabhi furqat kabhi vissal bhi hai
Kabhi zameen kabhi falak bhi hai
Dosti jhoot bhi hai such bhi hai
Dil main reh jaiay tou kassuk bhi hai
Kabhi ye haar kabhi jeet bhi hai
Dosti saaz bhi sangeet bhi hai
Sheir bhi nazam bhi geet bhi hai
Wafa kia hai wafa bhi dosti hai
Dil say nikli dua bhi dosti hai
Bus itna samajh lay tou
Payar ki inteha bhi dosti hai

3.
दोस्ती शायद ज़िंदगी होती है
जो हर दिल में बसी होती है
वैसे तो जी लेते है सभी अकेले मगर,
फिर भी ज़रूरत इनकी हैर किसी को होती है

तन्हा हो कभी तो मुझको ढुँदना
दुनिया से नही अपने दिल से पूछना,
आस पास ही कही बसे रहते है
यादों से नही साथ गुज़रे लम्हो से पूछना..!!

ख़वाईश ही नही अल्फ़ाज़ की,
चाहत को तो ज़रूरत है बस एहसास की,
पास होते तो मंज़र ही क्या होता,
दूर से ख़बर है हुमए आपकी हर साँस की..!!

दिल जीत ले वो जिगर हम भी रखते है
कतल कर दे वो नज़र हम भी रखते है
आपसे वादा है हुमारा हमेशा मुस्कराने का,
वरना आँखो में समुंदर हम भी रखते है

प्यार आ जाता है आँखों में रोने से पहले,
हर ख़वाब टूट जाता है सोने से पहले,
इश्क़ है गुनाह एह तो समझ गाये
काश कोई रोक लेता एह गुनाह होने से पहले..!!

पलकों से उठा के ये ख़वाब,
सजाए है क़दमों में तेरे,
संभाल के रखना क़दम,
कही कुचल ना जाए ख़वाब ये मेरे..!


4.
लोग कहते हैं ज़मीं पर किसी को खुदा नहीं मीलता
शायद उन लोगों को दोस्त कोई तुम-सा नहीं मिलता


किस्मतवालों को ही milti है पनाह कीसी के dil में
यूं हर शख़्स को तो जन्नत का पता नहीं milta


अपने सायें से भी ज़यादा यकीं है मुझे तुम पर
अंधेरों में तुम तो mil जाते हो, साया नहीं milta


इस बेवफ़ा zindagi से शायद मुझे इतनी मोहब्बत ना होती
अगर इस ज़िंदगी में दोस्त कोई तुम जैसा नहीं milta

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